यह कविता बहन (दीदी) के प्रति सम्मान, प्रेम और कृतज्ञता को व्यक्त करती है। इसमें बचपन की स्मृतियों, संघर्षों में दीदी की मदद, और उनके निस्वार्थ स्नेह का वर्णन किया गया है। दीदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा को जीवन के लिए एक अमूल्य तोहफा बताया गया है।
कविता: दीदी का आशीर्वाद
दीदी, तुम्हारी छाया में,
मिला जो स्नेह का सागर।
हर मुश्किल में सहारा,
जैसे मां का प्यारा घर।
बचपन की प्यारी यादें,
तुम्हारे संग जिया हर पल।
हर झगड़े के बाद भी,
तुम थीं मेरी दोस्त अनमोल।
तुमने हर सपना मेरा,
अपना बना लिया।
दुनिया ने जब रोका मुझे,
तुमने आगे बढ़ा दिया।
दीदी, तुमसे ही सीखा,
जीवन के रंगों का पाठ।
तुम मेरी ढाल बनीं,
और बन गईं मेरे हाथ।
अर्थ
कविता यह दर्शाती है कि बहन केवल एक रिश्ता नहीं बल्कि एक ऐसा साथी है जो हर कठिनाई में आपके साथ खड़ा रहता है। दीदी का आशीर्वाद जीवन में प्रगति और संबल का स्रोत है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- कविता किसके बारे में है?
- यह कविता बहन (दीदी) के प्रति कृतज्ञता और प्रेम को व्यक्त करती है।
- इस कविता का संदेश क्या है?
- यह संदेश देती है कि भाई-बहन का रिश्ता जीवन में स्थायी सहारा और प्रेरणा का स्रोत होता है।
- कविता में कौन-कौन सी भावनाओं का उल्लेख है?
- बचपन की यादें, संघर्ष में सहारा, स्नेह, प्रेरणा और कृतज्ञता।
- शीर्षक का अर्थ क्या है?
- “स्नेह की छांव” शीर्षक का अर्थ है वह प्यार और संरक्षण, जो दीदी अपने छोटे भाई-बहनों को देती हैं।