“गजराज का गौरव” हिंदी कविता

यह कविता हाथी, जिसे गजराज के नाम से जाना जाता है, की विशालता, शांति और ममता का वर्णन करती है। कविता में बताया गया है कि हाथी न केवल जंगल का प्रहरी है, बल्कि संस्कृति और प्रकृति का संरक्षक भी है। उसकी सूंड़ उसकी शक्ति का प्रतीक है, और उसके विशाल हृदय में ममता और दया भरी है। यह कविता हाथी के महत्व और उसकी सुंदरता को सम्मानित करती है, जो न केवल भारत बल्कि पूरी पृथ्वी की शान है।

हिंदी कविता:

“गजराज का गौरव”

माटी के रंग सा विशाल शरीर,
गजराज की चाल में है गंभीर।
जंगल का राजा, शांति का दूत,
उसके कदमों में धरती का स्वर अनूठ।

सूंड़ उसकी, जैसे बल का प्रतीक,
उसके कदमों से कांपे हर नदी-झील।
हाथी का दिल, विशाल और प्यारा,
उसकी ममता में है पूरा सहारा।

बच्चों का साथी, जंगल का प्रहरी,
गजराज है जीवन का गहरा रहस्य भारी।
प्रकृति का रक्षक, संस्कृति का मान,
हाथी है भारत की पहचान।

अर्थ (Meaning):

कविता में गजराज (हाथी) को शक्ति, शांति और प्रकृति के संरक्षक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उसकी भव्यता और अद्वितीय व्यक्तित्व उसे जंगल का राजा बनाते हैं। हाथी का दिल उतना ही बड़ा है जितना उसका शरीर, और वह बच्चों का साथी और पर्यावरण का रक्षक है। यह कविता उसकी महत्ता और उसके प्रति सम्मान को व्यक्त करती है।

Frequently Asked Questions (FAQ):

1. कविता में हाथी के कौन-कौन से गुण बताए गए हैं?
कविता में हाथी की विशालता, शक्ति, शांति, ममता, और पर्यावरण संरक्षण के गुणों का वर्णन किया गया है।

2. गजराज को कविता में क्यों सम्मानित किया गया है?
हाथी को उसकी भव्यता, प्रकृति संरक्षण में उसकी भूमिका, और भारतीय संस्कृति में उसकी महत्ता के कारण सम्मानित किया गया है।

3. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
कविता का मुख्य संदेश यह है कि हाथी प्रकृति और मानव जीवन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हमें उसकी रक्षा और सम्मान करना चाहिए।

4. कविता किसे समर्पित है?
यह कविता सभी हाथियों को समर्पित है, जो न केवल जंगलों की शान हैं, बल्कि हमारे पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी हैं।

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