जंगल की पुकार: हिंदी कविता

इस कविता में जंगल के महत्व और उसकी संरक्षण की आवश्यकता को उजागर किया गया है। प्रकृति का यह अनुपम उपहार न केवल जीवन का आधार है, बल्कि इसे नष्ट करना मानव जाति के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। जंगलों में नदियाँ, पेड़, पक्षी और अन्य जीव-जंतु जीवन का संतुलन बनाए रखते हैं। कविता इंसानों से अपील करती है कि वे जंगलों की कटाई रोकें और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हों।

कविता:

जंगल की पुकार

हरी-भरी चादर ओढ़े, देखो ये जंगल है,
जीवन का आधार, हमारा ये मंज़िल है।
पेड़ों की शाखें, हवा का संगीत,
प्रकृति का मंदिर, यहाँ शांति है अजीत।

पंछियों का बसेरा, नदियों की धार,
जीवन को समेटे, ये जंगल अपार।
हर कण में बसी, पृथ्वी की सजीवता,
इसकी रक्षा ही है, हमारी जिम्मेदारी की गहराई।

मगर देखो, कटते हैं पेड़ बेहिसाब,
लालच के आरी से हो रहा सर्वनाश।
जीव-जंतु विलुप्त होते जा रहे हैं,
जंगल की आत्मा तक रो रही है।

जागो, ऐ इंसान, अब भी समय है,
जंगल है जीवन, इसका नाश क्यों सहें?
आओ मिलकर बचाएँ इसे, हरियाली को फैलाएँ,
जंगल की पुकार सुनें, जीवन को बचाएँ।

अर्थ:

“जंगल की पुकार” कविता प्रकृति और जंगलों के महत्व को दर्शाती है। यह जीवन का आधार हैं, जो हमें स्वच्छ वायु, पानी और खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन लालच के कारण हो रही अव्यवस्थित कटाई जंगलों को समाप्त कर रही है। यह कविता पर्यावरण संरक्षण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करती है और हमें जंगलों के संरक्षण का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करती है।


FAQ:

1. इस कविता का उद्देश्य क्या है?
इस कविता का उद्देश्य पर्यावरण और जंगलों के महत्व को समझाना और लोगों को उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना है।

2. जंगल क्यों महत्वपूर्ण हैं?
जंगल स्वच्छ हवा, पानी, और जलवायु संतुलन प्रदान करते हैं। वे कई जीव-जंतुओं का घर हैं और मनुष्य के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं।

3. हम जंगलों की रक्षा कैसे कर सकते हैं?

  • वृक्षारोपण करें।
  • अवैध कटाई को रोकें।
  • प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करें।
  • पर्यावरण संरक्षण के अभियानों में भाग लें।

4. जंगलों के विनाश से क्या नुकसान होते हैं?
जंगलों के विनाश से जलवायु परिवर्तन, वायुमंडल में प्रदूषण, जीव-जंतुओं का विलुप्त होना और प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ जाती हैं।

5. कविता किस प्रकार से प्रेरित करती है?
यह कविता लोगों के भावनात्मक पक्ष को छूती है और जंगलों के संरक्षण का महत्व समझाते हुए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करती है।


निष्कर्ष:
“जंगल की पुकार” कविता प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को व्यक्त करती है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम अपनी धरती को बचाने के लिए जंगलों का संरक्षण करें। हर पेड़ की कीमत समझें और हर हरियाली को सहेजें। यह केवल कविता नहीं, बल्कि हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने का संदेश है।

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