“नदी की गोद में शाम का सूरज” हिंदी कविता

कविता में एक शांत शाम का चित्रण किया गया है, जब नदी की गोद में सूरज ढल रहा है। सूरज की सुनहरी किरणें नदी के जल को चूम रही हैं, और नाव पर सवार यात्री इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले रहे हैं। हवा के हल्के झोंके, लहरों की थपकी, और पक्षियों की चहचहाहट मिलकर इस दृश्य को और मनमोहक बना देते हैं।

यह कविता प्रकृति के अद्वितीय सौंदर्य और शांति का प्रतीक है।

कविता:

संध्या की बाहों में ढलता सूरज,
नदी के जल में समाता सूरज।
सुनहरी किरणें बिखरातीं चमक,
नदी के किनारे वो सजीव चित्रक।

नाव पर बहते अरमानों के पल,
लहरों की थपकी, मंद समीर का चल।
आकाश रंगा है गेरुए रंग में,
शांति का गीत गूंजे इस संग में।

चिड़ियों की चहचहाहट, धीरे-धीरे थमती,
संध्या की स्याही, अब धीरे से जमती।
नदी की गहराई में डूबा ये दृश्य,
प्रकृति का उपहार, मनमोहक अमूर्त्य।

नाव की डोलन, मन को लहराती,
सांझ की ये बेला, दिल को बहलाती।
शाम का सूरज, नदी की गोद में खो जाए,
सपनों के सागर में मन को डुबो जाए।

अर्थ (Meaning):

कविता में संध्या के समय का चित्रण किया गया है, जब सूरज नदी में डूबता प्रतीत होता है। इस दृश्य को देखने वाले को मन में शांति और सुकून मिलता है। लहरों की मृदु आवाज़ और बहती नाव की डोलन से जीवन की सरलता और प्रकृति का सौंदर्य झलकता है। यह कविता जीवन में सरलता और सुकून को महत्व देने का संदेश देती है।

Frequently Asked Questions (FAQ)

1. इस कविता में क्या वर्णन किया गया है?
कविता में नदी पर शाम के समय ढलते सूरज का वर्णन किया गया है। इसे नाव पर बैठकर देखा जा रहा है, जिससे प्रकृति की सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण का अनुभव होता है।

2. कविता का मुख्य संदेश क्या है?
कविता का संदेश यह है कि प्रकृति में शांति और सौंदर्य खोजा जा सकता है। जीवन की आपाधापी से दूर, ऐसे क्षण मन को सुकून और खुशी देते हैं।

3. यह कविता किससे प्रेरित है?
यह कविता नदी, नाव, और सूर्यास्त के उस अद्भुत दृश्य से प्रेरित है, जो हमें जीवन में शांति और सरलता के महत्व का एहसास कराता है।

4. कविता का भाव किस प्रकार का है?
कविता का भाव शांतिपूर्ण, सुकून भरा और सौंदर्यपूर्ण है, जो प्रकृति के प्रति आदर और प्रेम को व्यक्त करता है।

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