यह कविता पापा की ममता, संघर्ष और निःस्वार्थ प्रेम को दर्शाती है। कवि पापा के कंधों पर बैठकर दुनिया को छोटा पाता है, उनकी उंगलियों को पकड़कर हर मुश्किल को पार करता है। पापा की सख्ती के पीछे छिपे नरम दिल को महसूस करता है। उनके अथक परिश्रम और मार्गदर्शन से बच्चों के सपने संवरते हैं।
हर सुबह और हर रात पापा की उपस्थिति एक सुरक्षा का एहसास देती है। उनकी यादें जीवन में प्रेरणा बनकर साथ रहती हैं। यह कविता पापा के अनमोल योगदान को सलाम करती है, जो हर पल हमारे दिलों में रहते हैं।
पापा पर कविता 🌼
पापा की परछाई
पापा के कंधे पर बैठा,
दुनिया छोटी लगती थी।
उनकी मजबूत उंगलियों को थामे,
हर मुश्किल से लड़ता था।
सख्त दिखते, पर अंदर से नरम,
हर गलती को समझाया करते।
कभी न थकने वाली मेहनत से,
हमारे सपनों को सजाया करते।
सुबह की चाय में उनकी हलचल,
रात की कहानियों में उनका प्यार।
हर पल उनके साए में बसा,
सुरक्षा का एक प्यारा संसार।
खुद को मिटाकर रोशनी दे गए,
हर राह को मंजिल बना गए।
आज भी जब ठोकर खाता हूं,
यादों में उनका हाथ पाता हूं।
पापा सिर्फ नाम नहीं,
वो तो एक एहसास हैं।
जो दूर होकर भी,
हमारे दिल के पास हैं। 💖
अर्थ
पिता की भूमिका:
यह कविता पिता के त्याग और योगदान को दर्शाती है। कवि यह बताता है कि कैसे पापा अपने बच्चों की सुरक्षा और खुशियों के लिए हर कठिनाई सहते हैं। पिता का सख्त व्यवहार बाहरी दिखावा है, अंदर से वे बेहद प्यार और सहानुभूति से भरे होते हैं।
जीवन में प्रेरणा:
पिता का संघर्ष और समर्पण बच्चों को कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उनकी दी हुई शिक्षा और यादें, जीवनभर संबल का काम करती हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
- इस कविता का मुख्य संदेश पिता के त्याग, प्रेम और संरक्षण की महत्ता को दर्शाना है।
2. “पापा की परछाई” शीर्षक का क्या महत्व है?
- यह शीर्षक दर्शाता है कि पिता की छवि और उनका मार्गदर्शन जीवनभर एक परछाई की तरह हमारे साथ रहता है।
3. कविता में पिता के व्यक्तित्व को कैसे चित्रित किया गया है?
- कविता में पिता को सख्त, लेकिन अंदर से नरम, निःस्वार्थ और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में दर्शाया गया है।
4. कवि ने पिता के प्रति कौन से भाव व्यक्त किए हैं?
- कवि ने प्रेम, सुरक्षा, कृतज्ञता और प्रेरणा के भाव व्यक्त किए हैं।