यह कविता भारत के वीर जवानों के अदम्य साहस, बलिदान और देशप्रेम को समर्पित है। एक फौजी की जिंदगी की कठिनाइयों और उसके बलिदानों को कविता में दर्शाया गया है। चाहे कड़कती ठंड हो, तपती धूप हो, या दुश्मन के खतरनाक हमले हों, फौजी हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तत्पर रहता है। कविता उनके त्याग, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को सलाम करती है।
कविता: फौजी का जज़्बा
रखता है दिल में वतन की आस,
हर मुश्किल को करता है पास।
धरती मां का बेटा महान,
फौलादी इरादों से रखता पहचान।
रातों को जागे, दिन में भी तत्पर,
सीमा पर खड़ा है, दुश्मन का उत्तर।
बरसात हो या हो धूप का कहर,
उसके कदम कभी न रुकें, हर पल है सफर।
पर्वत की चोटी, रेगिस्तान की रेत,
हर जगह सजग, देश का ये खेत।
दुश्मन की चालों को समझकर,
हर बार दिया है बहादुरी का उत्तर।
बम की गूंज, गोलियों की बौछार,
फिर भी चेहरे पर मुस्कान अपार।
जज़्बा है ऐसा, झुके न कभी,
देश की खातिर, रुके न कभी।
त्याग का पथ उसने अपनाया,
परिवार से दूरी का दर्द सह पाया।
एक हाथ में बंदूक, दूसरे में तिरंगा,
उसकी कहानी है, देशप्रेम का गंगा।
जब हम सोते हैं चैन की नींद,
फौजी रहता है हरपल संजीव।
उसकी कुर्बानी को भूल न जाना,
उसका सम्मान सदा दिल में बसाना।
अर्थ:
फौजी एक ऐसा व्यक्ति है, जो अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं और सुखों को त्यागकर देश के लिए अपना जीवन समर्पित करता है। वह कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य को निभाता है। फौजी की यह वीरता और बलिदान हमें प्रेरित करती है कि हम देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और उसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: कविता में “फौजी” को क्यों महिमामंडित किया गया है?
उत्तर:
कविता में फौजी को महिमामंडित इसलिए किया गया है क्योंकि वह हमारे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर देता है। उसकी वीरता, त्याग और निस्वार्थता प्रेरणा का स्रोत है।
प्रश्न 2: कविता में त्याग और बलिदान का महत्व क्यों बताया गया है?
उत्तर:
त्याग और बलिदान का महत्व इसलिए बताया गया है क्योंकि फौजी अपने परिवार, सुख-सुविधाओं और यहां तक कि अपने जीवन को त्यागकर देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाता है। यह बलिदान हर नागरिक के लिए आदर्श है।
प्रश्न 3: इस कविता का संदेश क्या है?
उत्तर:
इस कविता का संदेश है कि हमें फौजी और उनके बलिदानों का सम्मान करना चाहिए। उनकी कुर्बानी हमें यह एहसास कराती है कि हम अपने देश और समाज के लिए क्या कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या यह कविता केवल भारतीय फौजियों के लिए है?
उत्तर:
हालांकि कविता मुख्य रूप से भारतीय फौजियों को समर्पित है, लेकिन यह हर देश के सैनिकों के प्रति समान सम्मान और आदर व्यक्त करती है।
प्रश्न 5: हम फौजियों के योगदान को कैसे सम्मानित कर सकते हैं?
उत्तर:
हम फौजियों के योगदान को उनके बलिदानों की सराहना करके, उनके परिवारों को समर्थन देकर, और राष्ट्रीय एकता व देशप्रेम को बढ़ावा देकर सम्मानित कर सकते हैं।
समाप्ति:
फौजी हमारे देश की असली ताकत हैं। उनकी मेहनत और त्याग को याद रखना और उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।