कविता “माँ का आँगन भारत माँ” भारतीय मातृभूमि के प्रति हमारे अटूट प्रेम और गर्व को दर्शाती है। इसमें भारत की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति, और इसके वीर सपूतों के बलिदानों का वर्णन है। यह कविता हर भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करती है और अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देती है।
देशभक्ति कविता
“माँ का आँगन भारत माँ”
माँ का आँगन भारत माँ,
तेरी माटी सबसे प्यारी है।
हर कण में तेरी खुशबू,
तेरे बिन ये दुनिया सारी है।
तेरी धरा पर खेला बचपन,
तेरी गंगा का जल अमृत।
तेरी गोद में सीखा हमने,
त्याग, प्रेम और अनन्य कृत।
तेरे वीरों की गाथाएँ,
हम सबको गर्वित करती हैं।
देशभक्ति की ज्वाला बनकर,
हर दिल को रोशन करती हैं।
चेतक की टापों से लेकर,
चंद्रयान की ऊँची उड़ान।
तेरे लालों ने हर युग में,
लिखा सुनहरा इतिहास महान।
तेरी रक्षा में हर जीवन,
अपना सर्वस्व निछावर करे।
हम तेरे लिए जीते-मरते,
ये प्रण हर जन निर्भय करे।
चीर के धरती के सीने को,
नयी राहें खोजेंगे हम।
तेरे नाम पर मिट्टी भी,
हंसकर सर झुका देंगे हम।
माँ का आँगन भारत माँ,
तेरे चरणों में शीश झुके।
हम तेरी संतान सदा,
तेरे लिए ये प्राण रखे।
अर्थ
इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि भारत भूमि हमारी माँ के समान है। इसकी गोद में हमने सब कुछ सीखा और पाया है। कविता यह बताती है कि कैसे देशभक्ति केवल एक भावना नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए जीवन का एक उद्देश्य है। हर युग में भारतीयों ने त्याग और बलिदान के माध्यम से देश को महान बनाया है। कविता हमें यह प्रेरणा देती है कि हमें भी अपने देश की सेवा में जुटना चाहिए।
FAQ (Frequently Asked Questions)
- इस कविता का उद्देश्य क्या है?
कविता का उद्देश्य भारत के प्रति लोगों के हृदय में देशभक्ति की भावना जगाना और मातृभूमि के लिए त्याग एवं प्रेम को प्रेरित करना है। - कविता में किन-किन पहलुओं को शामिल किया गया है?
कविता में भारत की प्रकृति, इतिहास, संस्कृति, और वीरता के साथ-साथ, हर भारतीय का देश के प्रति कर्तव्य का संदेश दिया गया है। - क्या यह कविता किसी विशेष अवसर के लिए उपयुक्त है?
हाँ, यह कविता स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, स्कूल प्रतियोगिताओं, या किसी भी देशभक्ति से जुड़े आयोजन में प्रस्तुत की जा सकती है। - कविता का संदेश क्या है?
कविता का संदेश यह है कि देशभक्ति केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें अपने देश की सेवा के लिए त्याग और कर्म का रास्ता अपनाना चाहिए। - इस कविता में ‘माँ’ को क्यों संबोधित किया गया है?
भारत को माँ की संज्ञा दी गई है क्योंकि हमारी धरती हमें जीवन देती है, हमारा पालन-पोषण करती है, और हमें सुरक्षा प्रदान करती है।