माँ के चरणों में जीवन अर्पण: हिंदी कविता

इस कविता में देशभक्ति की भावना को दर्शाया गया है। कवि ने मातृभूमि की महिमा का गुणगान करते हुए उसे सबसे पावन बताया है। सैनिकों के बलिदान, किसानों के श्रम, और शिक्षकों की विद्या का महत्व इस कविता में विशेष रूप से वर्णित किया गया है। कविता यह संदेश देती है कि भारतवासी अपने राष्ट्र की सेवा और रक्षा को सर्वोपरि मानें। हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत को सशक्त बनाने में योगदान देना चाहिए।

“माँ के चरणों में जीवन अर्पण”

कविता

ओ मातृभूमि! तुझसे पावन, कुछ भी नहीं संसार में,
तेरी माटी, तेरी गंगा, अमृत है हर धार में।
तेरी गोदी में जनमा हूँ, तेरी गोदी में मरूँ,
तेरे गौरव के लिए जीवन, हर पल अर्पण करूँ।

सरहद पर जो दीप जलाते, नित जलते, नित बुझते हैं,
तेरी रक्षा में वीर सपूत, हँसते-हँसते मर मिटते हैं।
माँ के आँचल से बढ़कर कुछ, इस धरती पर प्यारा नहीं,
वह सैनिक भी सौभाग्यशाली, जो लौटा दोबारा नहीं।

खेतों में जो अन्न उगाते, उनका श्रम भी धन्य है,
शिक्षक जो विद्या बाँट रहे, उनके चरणों में नमन है।
कण-कण तेरा, कण-कण तेरा, जीवन का आधार है,
तेरी रक्षा, तेरी सेवा, जीवन का श्रृंगार है।

जय हिंद, जय भारत का स्वर, हर कोने में गूंजेगा,
जब तक खून में लहर रहेगी, तेरा दीपक पूजेगा।
सिंधु, हिमालय, गंगा, यमुना, तेरा वैभव अक्षय रहे,
हर भारतवासी, हर पल तेरा सच्चा प्रहरी बनके रहे।

अर्थ (Meaning)

यह कविता मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाती है। इसमें सैनिकों की वीरता, किसानों की मेहनत, और शिक्षकों के योगदान की सराहना की गई है। कविता हमें यह सिखाती है कि देशभक्ति केवल युद्ध तक सीमित नहीं है, बल्कि अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान देना भी देशभक्ति है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम भारत को एक समृद्ध, शक्तिशाली, और गौरवशाली राष्ट्र बनाने में योगदान दें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?

इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि देशभक्ति केवल भावनाओं में नहीं बल्कि कर्मों में होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को निभाते हुए राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।

2. कविता में किन-किन लोगों की भूमिका को दर्शाया गया है?

कविता में सैनिकों, किसानों, और शिक्षकों की भूमिका को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। सैनिक देश की रक्षा करते हैं, किसान अन्न उपजाते हैं, और शिक्षक ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।

3. यह कविता हमें क्या सिखाती है?

यह कविता हमें सिखाती है कि देशभक्ति केवल युद्ध लड़ने तक सीमित नहीं है। अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करके भी हम राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं।

4. कविता में ‘माँ के आँचल’ का क्या तात्पर्य है?

‘माँ के आँचल’ का तात्पर्य मातृभूमि से है। कवि ने भारत माता को एक माँ की तरह प्रस्तुत किया है, जिसके आँचल में उसके सपूत पलते-बढ़ते हैं।

5. कविता का शीर्षक ‘माँ के चरणों में जीवन अर्पण’ क्यों रखा गया है?

इस शीर्षक से यह भाव व्यक्त होता है कि प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन को देश के लिए समर्पित करना चाहिए। भारत माँ के चरणों में सेवा और समर्पण ही सच्ची देशभक्ति है।

यह कविता प्रत्येक भारतीय को अपने देश के प्रति समर्पण की भावना को जागृत करने के लिए प्रेरित करती है। जय हिंद!

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