यह कविता भारत माता की महिमा को दर्शाती है और उसके प्रति हर भारतीय की अटूट श्रद्धा एवं समर्पण की भावना को व्यक्त करती है। इसमें हमारे वीर जवानों के साहस, बलिदान और देश की रक्षा के प्रति उनकी निष्ठा का वर्णन किया गया है। कविता बताती है कि हर भारतीय को अपनी मातृभूमि से प्रेम करना चाहिए और उसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। यह कविता यह भी संदेश देती है कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन यदि कोई इसकी गरिमा को ठेस पहुँचाएगा, तो उसका डटकर सामना किया जाएगा।
कविता
धरा हमारी, गगन हमारा,
भारत माँ का है आँगन सारा।
वीरों की इस पावन धरती,
हर कण-कण में बसा उजियारा।
खून से हमने इसे सींचा,
त्याग दिया हर सांस-सांस।
माँ के मान की रक्षा खातिर,
सह लिए कितने ही त्रास।
सरहद पर जो प्रहरी बनकर,
खड़े अडिग हैं शेर हमारे।
आंधी आए, बिजली गिरे,
ना झुके ये वीर हमारे।
गूंजे हर घर में जय हिंद,
हर दिल में हो तिरंगा प्यारा।
मिट्टी की सौगंध है हमको,
नहीं सहेंगे अपमान दोबारा।
शांति के हम साधक हैं,
पर शत्रु को ललकारेंगे।
देश के सम्मान के खातिर,
हम प्राणों को वार देंगे।
जय हिंद, जय भारत,
हर जन-जन की आवाज़ रहे।
जब तक सांस चले तन में,
भारत माँ से नाता रहे।
अर्थ
कविता का मूल भाव देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम को दर्शाता है। यह बताती है कि भारत केवल एक भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक माँ के समान है, जिसकी रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। वीर सैनिकों के बलिदान को सलाम करते हुए, यह कविता प्रत्येक भारतीय को अपने देश के सम्मान को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। यह प्रेम, त्याग और निष्ठा का संदेश देती है और हर नागरिक को अपने कर्तव्यों की याद दिलाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. यह कविता किस प्रकार की है?
यह एक देशभक्ति (देश प्रेम) पर आधारित कविता है, जो मातृभूमि के प्रति सम्मान और बलिदान की भावना को उजागर करती है।
2. कविता में मुख्य संदेश क्या है?
इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि हमें अपने देश से सच्चा प्रेम करना चाहिए और उसकी रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
3. यह कविता किसके लिए उपयुक्त है?
यह कविता हर भारतीय नागरिक के लिए प्रेरणादायक है, विशेष रूप से विद्यार्थियों, देशभक्तों और वीर सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने वालों के लिए।
4. यह कविता स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर क्यों पढ़ी जा सकती है?
क्योंकि यह कविता भारत माता के गौरव और देशभक्ति की भावना को जागृत करती है, जो इन राष्ट्रीय पर्वों के अवसर पर अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
5. कविता में कौन-कौन से प्रतीक प्रयोग किए गए हैं?
इस कविता में “माँ”, “मिट्टी”, “तिरंगा”, “सरहद”, और “शेर” जैसे प्रतीक प्रयोग किए गए हैं, जो देशभक्ति, सुरक्षा, सम्मान और वीरता को दर्शाते हैं।
6. इस कविता का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
इसे भाषणों, निबंध लेखन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कविता प्रतियोगिताओं और देशभक्ति से जुड़े अवसरों पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
7. इस कविता का उद्देश्य क्या है?
इस कविता का उद्देश्य हर भारतीय के भीतर देशभक्ति की भावना को जागृत करना और मातृभूमि की रक्षा के प्रति उनके कर्तव्यों की याद दिलाना है।
निष्कर्ष
देशभक्ति सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि हमारे वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश को सुरक्षित रखा है, और हमें भी अपने स्तर पर इसकी रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए। हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल भारत माता का सम्मान करें, बल्कि इसे एक समृद्ध और सशक्त राष्ट्र बनाने में भी योगदान दें।
🇮🇳 जय हिंद! जय भारत! 🇮🇳