इस कविता में दीदी के प्रेम, त्याग, और उनके मार्गदर्शन को दर्शाया गया है। उनकी ममता और प्रेरणा हमारे जीवन को सुंदर बनाती हैं।
मेरी दीदी, मेरी प्रेरणा
दीदी, तुम हो ममता की छाया,
संग तेरे हर ग़म का सहारा पाया।
हँसती हुई तुझसे घर रोशन होता,
तेरी सीखों से जीवन सुमन खिलता।
चोट पर तूने दुआओं का मरहम लगाया,
मुश्किलों में तेरी हिम्मत का दीप जलाया।
मेरे सपनों को अपने कंधों पर उठाया,
तूने हर रिश्ते को सच्चे दिल से निभाया।
तेरी आँखों में दिखती वो ममता,
जैसे आसमान में चमके कोई तारा।
तेरे बिना अधूरी हर खुशी मेरी,
तेरे साथ ही है मुस्कान सजी मेरी।
अर्थ:
कविता यह बताती है कि दीदी केवल एक रिश्ते का नाम नहीं है, बल्कि वह जीवन में एक सहारा, मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होती हैं। उनके बिना जीवन अधूरा लगता है।
FAQ:
प्रश्न 1: इस कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कविता का उद्देश्य दीदी के प्रति सम्मान और उनके महत्व को व्यक्त करना है।
प्रश्न 2: कविता में दीदी की कौन-कौन सी विशेषताओं को दर्शाया गया है?
उत्तर: कविता में दीदी के प्रेम, त्याग, मार्गदर्शन, और उनकी ममता को दर्शाया गया है।
प्रश्न 3: यह कविता किन रिश्तों के महत्व को समझाने में मदद करती है?
उत्तर: यह कविता भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और उसके गहराई को समझाने में मदद करती है।
प्रश्न 4: कविता का संदेश क्या है?
उत्तर: कविता यह संदेश देती है कि जीवन में दीदी का स्थान अनमोल है, और हमें उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।