यह कविता पिता के त्याग, प्रेम, और निस्वार्थ समर्पण को दर्शाती है। पिता एक मजबूत पेड़ की तरह हैं, जो अपनी संतानों को हर हाल में छाँव प्रदान करते हैं। उनकी मेहनत और धैर्य बच्चों की खुशियों की नींव रखते हैं। जीवन के कठिन पलों में वे एक चट्टान की तरह मजबूत खड़े रहते हैं। उनकी मुस्कान के पीछे अनगिनत बलिदान छिपे होते हैं।
उनकी चुप्पी में गहरा प्रेम होता है। कविता इस बात को बयां करती है कि पिता की उपस्थिति हमें आत्मनिर्भर बनाती है और हमारे जीवन को बेहतर दिशा देती है।
पिता पर कविता 🌿
शीर्षक: मेरे पिता की छाँव
पिता वो पेड़ हैं, जो धूप में भी,
खुद जलते रहे, हमें सहेजते सभी।
बिना कहे, बिना रुके,
सपनों की डोर को थामे रखे।
उनकी आँखों में है विश्वास की रौशनी,
हर मुश्किल में बसते हैं, हौसले की कहानी।
कंधों पर जिनके, जिम्मेदारी का भार,
पर होंठों पर हमेशा मुस्कान है तैयार।
हाथों की लकीरों में लिखे हैं हमारे कल,
पसीने की बूंदों में देखा है जोश का जल।
राहें आसान बनाने में खुद को भुला दिया,
हमारी हर ख़ुशी के लिए, अपना सुख लुटा दिया।
पिता की चुप्पी में, होता है अनगिनत प्यार,
वो चट्टान हैं, जो बनाते हैं हमें मज़बूत और तैयार।
जीवन की छाँव में हर कदम बढ़ाते हैं,
उनके साये में हम दुनिया जीत जाते हैं।
यह कविता पिता की निस्वार्थता और त्याग को सलाम करती है।
अर्थ:
इस कविता का मुख्य भाव है पिता का समर्पण और त्याग।
- त्याग: पिता अपने सपनों को त्यागकर बच्चों के सपनों को पूरा करते हैं।
- प्रेम: पिता का प्रेम शब्दों से नहीं, कार्यों से प्रकट होता है।
- सहारा: पिता एक मजबूत स्तंभ होते हैं, जो मुश्किलों में संबल देते हैं।
- प्रेरणा: उनके संघर्ष और मेहनत हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
- प्रश्न: कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: कविता पिता के निःस्वार्थ प्रेम और उनके बलिदान की महत्ता बताती है। - प्रश्न: कविता में पिता की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: कविता में पिता की तुलना एक मजबूत पेड़ और चट्टान से की गई है। - प्रश्न: इस कविता को किस अवसर पर पढ़ सकते हैं?
उत्तर: इसे “फादर्स डे,” किसी सम्मान समारोह या भावनात्मक पारिवारिक अवसर पर पढ़ा जा सकता है। - प्रश्न: इस कविता का भाव किस प्रकार व्यक्त किया गया है?
उत्तर: भाव को सरल शब्दों और गहरी संवेदना के साथ व्यक्त किया गया है।