यह कविता “सिन्दूर” के माध्यम से स्त्री की गहराई, प्रेम और निष्ठा को व्यक्त करती है। सिन्दूर केवल श्रृंगार नहीं, बल्कि समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। यह पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई को दर्शाता है। कविता में सिन्दूर को स्त्री के अधिकार, प्रेम और उसकी आस्था का प्रतिबिंब माना गया है। इसके माध्यम से स्त्री की सहनशीलता और उसके संबंधों की गहराई पर प्रकाश डाला गया है
कविता: सिन्दूर
तिलक माथे का, मान संग ले आया,
चुप सा रंग, पर बातें गहराई लाया।
तुम्हारी मांग की लाल रेखा,
हर रोज़ की दुआ, हर रात की लेखा।
सिन्दूर सहेजे निष्ठा और विश्वास,
यह नहीं मात्र सजावट, है प्रेम का एहसास।
इसमें छिपा जीवन का सार,
समर्पण, आस्था और अधिकार।
जीवन साथी का यह प्रतीक,
हर धड़कन में गहराई का संगीत।
सिन्दूर है रिश्ते का दर्पण,
जो हर स्त्री का है चिर संगमन।
अर्थ (Heading: सिन्दूर का महत्व)
सिन्दूर भारतीय संस्कृति में विवाहित स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह उनकी निष्ठा, प्रेम, और समर्पण का प्रतीक है। सिन्दूर केवल सजावट नहीं, बल्कि उस रिश्ते का प्रमाण है जिसमें विश्वास और साथ का वादा शामिल है।
FAQs
1. सिन्दूर का रंग लाल क्यों होता है?
लाल रंग प्रेम, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह स्त्री की ऊर्जा और जीवन शक्ति को दर्शाता है।
2. क्या सिन्दूर केवल एक परंपरा है?
नहीं, यह परंपरा के साथ-साथ विवाहित स्त्रियों के प्रति सम्मान और उनके रिश्तों के महत्व को दर्शाने का माध्यम है।
3. क्या सिन्दूर केवल हिंदू धर्म का हिस्सा है?
सिन्दूर मुख्यतः हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसके सांस्कृतिक महत्व को व्यापक रूप से स्वीकारा गया है।