यह कविता हाथी की भव्यता, बुद्धिमत्ता और पर्यावरण में उसके महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करती है। हाथी अपनी विशाल काया और शांत स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। कविता में इसे प्रकृति के संरक्षक और धरती का गौरव बताया गया है। हाथी केवल जंगल का राजा ही नहीं, बल्कि संकट के समय मानवता का साथी भी है।
यह कविता हाथी के महत्व को समझने और उसकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है।
हिंदी कविता:
हाथी:
सजीव शक्ति का प्रतीक विशाल,
वन का राजा, मस्तक के भाल।
मिट्टी के रंग सा इसका तन,
धरती के गर्भ से जुड़ा है मन।
चलता जब ये गगन-गर्जन सा,
धरती कंपे, नभ हो हतप्रभ सा।
बुद्धिमत्ता का अद्भुत भंडार,
हर संकट में देता उद्धार।
सुनता सबकी, समझे भाव,
दृढ़ता में है इसका स्वभाव।
कभी न करे अपनों पर वार,
वन का रखवाला, जीवन का आधार।
हाथी तू है प्रकृति का दूत,
तेरे बिन ये जंगल हो जाए रूठ।
अर्थ (Meaning):
हाथी एक विशाल, बुद्धिमान और शक्तिशाली जीव है जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कविता हाथी के प्रति सम्मान और उसके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देती है। इसमें बताया गया है कि हाथी केवल जंगलों का ही नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व का भी अभिन्न हिस्सा है। उसका जीवन, उसकी बुद्धिमत्ता और उसकी सरलता हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाती है।
Frequently Asked Questions (FAQ):
1. इस कविता का मुख्य विषय क्या है?
कविता का मुख्य विषय हाथी की भव्यता, बुद्धिमत्ता और पर्यावरण में उसकी भूमिका है।
2. हाथी के महत्व को कविता में कैसे व्यक्त किया गया है?
कविता में हाथी को प्रकृति का संरक्षक और जंगल का राजा कहा गया है। उसकी विशालता और बुद्धिमत्ता को मानवता के लिए प्रेरणादायक बताया गया है।
3. इस कविता का उद्देश्य क्या है?
इस कविता का उद्देश्य हाथी के संरक्षण की आवश्यकता को उजागर करना और उसके प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है।
4. कविता हाथी के कौन-कौन से गुणों को उजागर करती है?
कविता में हाथी की विशालता, बुद्धिमत्ता, शांत स्वभाव, और पर्यावरण में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया गया है।