दीदी का स्नेह

यह कविता दीदी के प्रति प्रेम, आदर और आभार को अभिव्यक्त करती है। जीवन के हर कठिन मोड़ पर दीदी के सहयोग और उनके असीम स्नेह का महत्व उजागर किया गया है। दीदी केवल बहन नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत, मार्गदर्शक और सहारा होती हैं।

दीदी का स्नेह कविता

दीदी, तुम्हारी हंसी में है मिठास,
स्नेह भरे शब्दों में छुपा है विश्वास।
तुम्हारी छाया में बीता बचपन,
संग तुम्हारे जीवन है अमृत-रस का संगम।

तुमने पकड़े थे मेरे नन्हें हाथ,
दिखाया सपनों का चमकता आकाश।
हर दुःख में बनी ढाल मेरी,
तुम ही तो हो मेरे जीवन की फेरी।

तुम्हारे कंधों का सहारा था,
हर मुश्किल में जब हौसला हारा था।
तुम्हारी मुस्कान ने हर ग़म मिटाया,
दीदी, तुम्हारा प्यार ही मेरा साया।

अर्थ

“दीदी का स्नेह” कविता एक भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और गहराई को दर्शाती है। यह दिखाती है कि दीदी का साथ हर इंसान के जीवन में एक सुरक्षा कवच की तरह होता है। उनके आशीर्वाद और प्रेरणा से जीवन के हर संघर्ष को जीता जा सकता है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1: यह कविता किस प्रकार के रिश्ते को दर्शाती है?
उत्तर: यह कविता भाई-बहन के रिश्ते की मिठास, प्रेम और विश्वास को दर्शाती है।

Q2: इस कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर: इस कविता का मूल भाव दीदी के स्नेह, प्रेरणा और उनकी भूमिका के प्रति आभार व्यक्त करना है।

Q3: यह कविता किसके लिए उपयुक्त है?
उत्तर: यह कविता किसी भी व्यक्ति के लिए है जो अपनी दीदी के प्रति अपने प्यार और कृतज्ञता को व्यक्त करना चाहता है।

Q4: कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कविता का उद्देश्य दीदी के महत्व और उनके योगदान को सम्मानित करना और उनके प्रति भावनाओं को अभिव्यक्त करना है।

Leave a Comment