स्नेह की मूरत: भाभी, हिंदी कविता

कविता में भाभी के महत्व को दर्शाया गया है। वह परिवार की रीढ़ होती हैं जो हर रिश्ते को अपने स्नेह और ममता से जोड़ती हैं। भाभी का व्यक्तित्व ममता, त्याग और स्नेह का प्रतीक है। उनका हर रिश्ता प्रेम और आदर की डोर से बंधा हुआ है।

शीर्षक: “स्नेह की मूरत: भाभी”

भाई की संगिनी, घर की रौनक,
सादगी और स्नेह की वह झलक।
हँसी में मीठी सरगम जो गूंजे,
ममता की छाया हर दिल को जो पूजे।

भाभी, तुम हो इस आंगन की ज्योति,
हर दुख-सुख में देती हो रोशनी की तोषी।
हर फिक्र को तुमने हंसकर सहा,
घर को प्रेम का आंगन बना दिया।

तुम्हारी बातों में प्यार का राग,
तुम्हारी हंसी में छुपा स्वर्ग का स्वाद।
हर रिश्ते को जोड़े स्नेह की डोरी,
तुमसे है घर का हर कोना रोशन-चौखट की सोरी।

भाभी, तुम माँ की ममता का रूप,
तुम हो बहन का सजीव स्वरूप।
तुम्हारा होना है वरदान,
हर रिश्ते में पिरो देती जान।

घर-आंगन की तुम हो गाथा,
हर दिल के कोने में बसी हो भावना।
तुम हो विश्वास की डोर,
भाभी, तुमसे जीवन को मिला है सिरमौर।

कविता का अर्थ:

इस कविता में भाभी के प्रेम, समर्पण और उनके जीवन में निभाई जाने वाली भूमिकाओं का वर्णन किया गया है। भाभी एक ऐसे चरित्र को दर्शाती हैं जो परिवार में न केवल स्नेह की मूरत बनती हैं बल्कि हर रिश्ते को एकजुट रखती हैं। उनके बिना घर अधूरा लगता है। उनकी हंसी, उनके विचार, और उनके कार्य परिवार में सुख-शांति लाते हैं।

FAQs

1. भाभी पर लिखी गई इस कविता में मुख्य भाव क्या हैं?
मुख्य भाव स्नेह, ममता और परिवार को एकजुट रखने की भूमिका को उजागर करना है। भाभी को घर की रोशनी और हर सदस्य के लिए प्रेरणा के रूप में दर्शाया गया है।

2. इस कविता का शीर्षक “स्नेह की मूरत: भाभी” क्यों रखा गया है?
कविता में भाभी को स्नेह और प्रेम का प्रतीक दिखाया गया है। उनका व्यक्तित्व परिवार के हर सदस्य के लिए एक मूरत के समान है जो हर परिस्थिति में सहारा देती है।

3. भाभी के व्यक्तित्व को इस कविता में कैसे दिखाया गया है?
कविता में भाभी को माँ, बहन, और दोस्त के रूप में दिखाया गया है। वह हर दुख-सुख में परिवार के साथ खड़ी रहती हैं और स्नेह से हर समस्या का समाधान करती हैं।

4. यह कविता किसे समर्पित है?
यह कविता हर उस भाभी को समर्पित है जो अपने परिवार को ममता और प्रेम से सींचती है और अपने रिश्तों को निभाने में एक मिसाल बनती है।

5. क्या इस कविता को किसी विशेष अवसर पर प्रस्तुत किया जा सकता है?
हाँ, इसे किसी भाभी के जन्मदिन, करवा चौथ, या उनके योगदान को सराहने के लिए विशेष अवसरों पर प्रस्तुत किया जा सकता है।

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