यह कविता प्रकृति की सुंदरता और महत्व को दर्शाती है। इसमें पेड़, नदियाँ, पर्वत, आकाश और जीवों का सौंदर्य और उनका जीवन में योगदान बताया गया है। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है।
कविता में प्रकृति के संगीत, शांति और जीवनदायिनी शक्तियों की प्रशंसा करते हुए, इसे सहेजने का आह्वान किया गया है।
कविता:
नीले आकाश की छाँव में,
हरियाली फैली गाँव-गाँव में।
पेड़ों की शाखों पर पंछी गाते,
सूरज की किरणें जीवन बरसाते।
नदियों का कल-कल संगीत है,
पर्वतों का दृढ़ विश्वास अजीत है।
फूलों की खुशबू मन बहलाए,
बादल बरसकर धरती सहलाए।
प्रकृति की छटा अनमोल है,
साँसों की डोर से जुड़ा यह कण-कण गोल है।
संभालो इसे, बचाओ इसे,
अपनी धरा को सजाओ इसे।
प्रकृति का सम्मान हमारा धर्म है,
संसार को संरक्षित रखना ही कर्म है।
अर्थ (Meaning)
यह कविता हमें बताती है कि प्रकृति हमारे जीवन का आधार है। पेड़-पौधे, नदियाँ, पर्वत, और आकाश, सभी हमें जीवन की ऊर्जा प्रदान करते हैं। हमें प्रकृति की इस अद्भुत रचना को सहेजकर रखना चाहिए। प्रदूषण, वनों की कटाई और संसाधनों के दुरुपयोग से प्रकृति को नुकसान पहुँच रहा है। कविता हमें जागरूक करती है कि अगर हमने प्रकृति को नहीं बचाया तो आने वाले समय में हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. कविता में प्रकृति के किन तत्वों का वर्णन किया गया है?
कविता में आकाश, पेड़-पौधे, नदियाँ, पर्वत, और जीव-जंतुओं का वर्णन किया गया है।
2. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
इस कविता का मुख्य संदेश है कि हमें प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए।
3. कविता किस प्रकार की भावना को दर्शाती है?
कविता प्रकृति के प्रति प्रेम, आदर और जागरूकता की भावना को दर्शाती है।
4. हमें प्रकृति क्यों बचानी चाहिए?
प्रकृति हमें हवा, पानी, भोजन और जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें प्रदान करती है। अगर हम इसे नष्ट करेंगे, तो हमारा अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा।
5. प्रकृति संरक्षण के लिए हम क्या कर सकते हैं?
हम पौधारोपण कर सकते हैं, पानी बचा सकते हैं, प्लास्टिक का कम उपयोग कर सकते हैं, और प्रदूषण कम करने के प्रयास कर सकते हैं।