इस कविता में प्रकृति के सौंदर्य और महत्व को दर्शाया गया है। प्रकृति की हर रचना जैसे हरियाली, नदियाँ, सूरज, और चाँद जीवन में संतुलन और शांति लाते हैं। पक्षियों का मधुर गान और पवन की शीतलता जीवन को स्फूर्ति देती है। कविता प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश देती है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस सुंदरता का आनंद ले सकें।
यह प्रकृति के साथ प्रेम और सह-अस्तित्व का आह्वान करती है।
कविता:
हरी-भरी वादियाँ, पेड़ों की छाँव,
प्रकृति की गोद में बसती है ठंडक की छाँव।
कल-कल बहते नदियों के जल,
धरती के आँचल में खिलते हैं फूल हर पल।
सूरज की किरणें हैं जीवन का सार,
चाँदनी रात में बिखरते सपनों के तार।
पक्षियों का गान, पवन का स्पर्श,
मन में भर देती हैं ताज़गी का हर्ष।
धरती, आकाश, सागर और पर्वत,
प्रकृति सिखाती है धैर्य और समर्पण।
संभालो इसे, न करो इसका दोहन,
प्रकृति है जीवन, इसका करो पोषण।
अर्थ (Meaning)
यह कविता प्रकृति की विभिन्न रचनाओं का चित्रण करती है और उनके महत्व को रेखांकित करती है। धरती की हरियाली, नदियों का प्रवाह, और सूर्य-चंद्रमा का प्रकाश मानव जीवन में संतुलन और ऊर्जा भरते हैं। कविता हमें प्रकृति के संरक्षण का संदेश देती है ताकि यह सुंदरता और जीवनदायिनी शक्ति हमेशा बनी रहे। यह हमें सिखाती है कि यदि हम प्रकृति का आदर करेंगे, तो जीवन सुखद और समृद्ध होगा।
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. कविता में प्रकृति के किन तत्वों का वर्णन है?
कविता में हरियाली, नदियाँ, सूरज, चाँद, पक्षियों के गान, और पवन के स्पर्श का वर्णन किया गया है।
2. कविता का मुख्य संदेश क्या है?
कविता का मुख्य संदेश है कि हमें प्रकृति की सुरक्षा करनी चाहिए क्योंकि प्रकृति जीवन का आधार है।
3. इस कविता का उद्देश्य क्या है?
इस कविता का उद्देश्य है लोगों को प्रकृति के सौंदर्य और महत्व के प्रति जागरूक करना और उन्हें इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना।
4. प्रकृति से हम क्या सीख सकते हैं?
प्रकृति से हम धैर्य, संतुलन, और सह-अस्तित्व का महत्व सीख सकते हैं।