यह कविता बारिश की बूँदों के माध्यम से प्रकृति की सुंदरता और उसके प्रभाव को दर्शाती है। बारिश की पहली बूंदें धरती पर पड़ते ही सोंधी खुशबू फैलाती हैं और जीवन में नया उल्लास भरती हैं। यह नन्हीं बूँदें सूखी धरती को सींचती हैं, खेतों में हरियाली लाती हैं और इंसानों के दिलों में आशा का संचार करती हैं। बच्चों की मुस्कान, चिड़ियों का चहकना, और संगीत का जादू—सब कुछ इन बूँदों में समाया हुआ है।
छम-छम गिरती ये बूँदें,
धरती पर प्रेम बरसाती हैं।
सोंधी-सोंधी खुशबू लाती हैं,
जीवन में रस घोल जाती हैं।
बादलों की ये सौगात हैं,
प्यासे मन की बात हैं।
सूखी धरती के आँचल को,
नमी से महकाती हैं।
नन्हीं बूँदें जब गिरती हैं,
पत्तों पर मोती बनती हैं।
फूलों को छूकर कहती हैं,
“जीवन में रंग भरती हैं।”
बच्चों के चेहरे पर हँसी लाती,
चहकती चिड़िया को भाती।
खेतों में हरियाली का सपना,
किसान की आशा कहलाती।
संग संगीत का जादू लाती,
धड़कनों में नया साज सजाती।
बारिश की बूँदें, प्यार का गीत,
प्रकृति के आँचल की सजीव प्रीत
कविता का अर्थ:
बारिश की बूँदें केवल जलधाराएँ नहीं हैं, बल्कि यह जीवन का प्रतीक हैं। ये बूँदें प्रकृति की ओर से दिया गया एक उपहार हैं, जो धरती पर नमी लाकर हरियाली और समृद्धि प्रदान करती हैं। ये बूँदें खुशी, प्यार और नई उम्मीदें जगाती हैं। बारिश हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में मुश्किलें भी किसी नई शुरुआत का संकेत हो सकती हैं।
FAQs
1. इस कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
कविता का उद्देश्य बारिश की बूँदों के माध्यम से प्रकृति की सुंदरता, जीवन की सजीवता और आशा का महत्व समझाना है।
2. कविता में बारिश की बूँदों को किससे जोड़ा गया है?
बारिश की बूँदों को धरती की सोंधी खुशबू, खेतों की हरियाली, बच्चों की मुस्कान और जीवन के संगीत से जोड़ा गया है।
3. कवि ने बारिश को किस तरह से चित्रित किया है?
कवि ने बारिश को प्रकृति का प्रेम, जीवन का संचार, और नवीनीकरण की प्रक्रिया के रूप में चित्रित किया है।
4. यह कविता किसे समर्पित की जा सकती है?
यह कविता प्रकृति प्रेमियों, किसानों, और उन लोगों को समर्पित की जा सकती है जो जीवन में आशा और खुशी की तलाश करते हैं।
5. कविता से हमें क्या सीख मिलती है?
कविता हमें सिखाती है कि कठिनाइयों के बाद भी नई शुरुआत संभव है, जैसे बारिश के बाद धरती पर हरियाली छा जाती है।