यह कविता बच्चों के प्रिय चंदा मामा की कहानी को दर्शाती है। इसमें चांद के साथ बच्चों का अनोखा रिश्ता, उनका आसमान में चमकना और सपनों में आकर खुशी देना वर्णित है। कविता सरल भाषा में बच्चों के लिए लिखी गई है, जो उनके मन को छूती है और उन्हें चांद के साथ जोड़ती है।
चंदा मामा हिंदी कविता
चंदा मामा, चमके प्यारे,
रात में आकर लगें न्यारे।
आसमान में घूम-घूमते,
सितारों संग खूब झूमते।
चुपके-चुपके बातें करते,
सपनों में आते हर दिन।
बच्चों को अच्छी नींद सुलाते,
दुलार भरे उनके बिन।
चंदा मामा, कहो तो हमसे,
क्यों लगते हो इतने अपने?
रात में आकर दिल को भाते,
दिन में क्यों छिप जाते सपने?
अर्थ:
कविता में चंदा मामा को एक ऐसे पात्र के रूप में दर्शाया गया है, जो रात के समय आसमान में चमकते हैं और बच्चों के सपनों में आते हैं। चंदा मामा का अस्तित्व बच्चों के लिए रहस्यमयी और प्यारा है। वह सितारों के साथ झूमते हैं और अपनी उपस्थिति से रात को खूबसूरत बनाते हैं। दिन में चांद का न दिखना बच्चों के मन में सवाल जगाता है, जो कविता को अधिक रोचक बनाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ):
Q1: इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
A1: इस कविता का मुख्य संदेश है कि प्रकृति का हर तत्व, जैसे चांद, बच्चों के लिए रहस्य और आनंद का स्रोत हो सकता है।
Q2: यह कविता किस आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है?
A2: यह कविता छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त है, खासकर 3 से 8 साल के बच्चों के लिए।
Q3: चंदा मामा का वर्णन कविता में क्यों किया गया है?
A3: चंदा मामा बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाने और उन्हें प्रकृति से जोड़ने के लिए कविता में वर्णित हैं।
Q4: क्या इस कविता को स्कूल में प्रस्तुत किया जा सकता है?
A4: हां, यह कविता स्कूल की प्रस्तुतियों और नाटक के लिए उपयुक्त है, खासकर अगर बच्चों को चांद से संबंधित विषय पढ़ाया जा रहा हो।