यह कविता बच्चों के लिए एक प्यारी चिड़िया की प्रशंसा में लिखी गई है। इसमें चिड़िया के सुंदर रूप, उसकी चोंच और पंखों की विशेषता, और उसके उड़ने के तरीके का वर्णन है। कविता बच्चों को प्रकृति से जुड़ने और पक्षियों के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती है।
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी, चिड़िया रानी,
आओ बैठो मेरे मानी।
चोंच तुम्हारी कितनी प्यारी,
पंखों की ये जादूकारी।
चूँ-चूँ करके गीत सुनाओ,
पेड़ों पर फिर खूब उड़ाओ।
दाना चुगकर लौट आओगी,
गर्मियों में छाँव दिलाओगी।
नील गगन में ऊँची उड़ो,
हवा संग मस्ती में झूलो।
चिड़िया रानी, प्यारी रानी,
बन जाओगी सबकी दादी नानी।
कविता का अर्थ:
- प्रथम भाग:
कविता की शुरुआत चिड़िया के स्वागत से होती है। बच्चों को चिड़िया के पंख और चोंच की सुंदरता आकर्षित करती है। - द्वितीय भाग:
चिड़िया के गीत गाने और ऊँचे पेड़ों पर उड़ने का दृश्य बच्चों की कल्पना में आनंद भर देता है। चिड़िया दाना चुनने और छाँव देने जैसी गतिविधियाँ करती है। - तृतीय भाग:
आखिर में, चिड़िया के गगन में उड़ने और मस्ती करने का वर्णन है। यह बच्चों को सिखाता है कि चिड़िया हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है और कैसे वह प्रकृति को सुंदर बनाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1: यह कविता किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपयुक्त है?
Ans: यह कविता 3-10 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
Q2: कविता का उद्देश्य क्या है?
Ans: बच्चों में चिड़िया और प्रकृति के प्रति प्रेम और जागरूकता बढ़ाना।
Q3: कविता से बच्चे क्या सीख सकते हैं?
Ans: बच्चे कविता से चिड़ियों का महत्व, उनके गुण, और प्रकृति की सुंदरता को समझ सकते हैं।
Q4: क्या यह कविता पाठ्यक्रम में इस्तेमाल की जा सकती है?
Ans: हाँ, यह कविता बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम में इस्तेमाल की जा सकती है।