यह कविता बचपन के मधुर और यादगार क्षणों को बयां करती है। कविता में बचपन के सरल, आनंदमयी और नादान लम्हों की बात की गई है, जैसे माँ की गोदी, पिता का प्यार, भाई-बहन के साथ खेल-कूद, और स्कूल के रास्ते पर बिताए गए दिन। कविता में यह दर्शाया गया है कि बचपन एक ऐसा समय था जब हर छोटी बात में खुशी होती थी और किसी भी चिंता का नामो-निशान नहीं था। हालांकि बचपन लौटकर नहीं आता, लेकिन उसकी यादें हमेशा दिल को खुशी देती हैं।
बचपन पर कविता
बचपन की वो प्यारी बातें,
सपनों से भी मीठी रातें।
माँ की गोदी, बाप का प्यार,
बहन-भाई का साथ, ससुराल का द्वार।
कभी खेल में डूबे रहते थे,
कभी कागज की नावें बनाते थे।
कभी बड़ों से छिपकर मठ्ठी चुराते,
कभी गर्मी में बर्फ़ के टुकड़े खाते।
स्कूल के रास्ते पर आवाज़ें गूंजतीं,
कभी घर की यादें दिल में बसीं।
माँ का आँचल, बाबूजी की मुस्कान,
ये यादें हैं बचपन की पहचान।
सचमुच, बचपन वो अद्भुत समय था,
जहाँ हर दर्द और चिंता दूर था।
अब वो दिन लौटकर नहीं आएंगे,
लेकिन बचपन की यादें हमेशा मुस्कराएंगे।
अर्थ (Meaning):
कविता का मुख्य संदेश यह है कि बचपन एक बेफिक्र और खुशी का समय था। यह हम सभी के जीवन का सबसे मासूम और प्यारा दौर होता है। इस कविता में बचपन की खुशियों, रिश्तों, और जीवन के सरलतम पहलुओं को याद किया गया है। यह हमें यह सिखाती है कि बचपन की यादों को संजोकर रखना चाहिए, क्योंकि वही हमे जीवन में सच्ची खुशी और सुकून देती हैं।
FAQ (Frequently Asked Questions):
1. कविता “बचपन” का क्या संदेश है?
कविता का संदेश है कि बचपन एक अद्भुत समय होता है जब हम निस्वार्थ और मासूम होते हैं। यह हमें जीवन की असली खुशियाँ देता है, और यह समय कभी लौटकर नहीं आता, इसलिए हमें इसकी यादों को संजोकर रखना चाहिए।
2. इस कविता में कौन-कौन सी बातें की गई हैं?
इस कविता में बचपन के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की गई है, जैसे माँ का प्यार, बाप का स्नेह, भाई-बहन के साथ बिताए गए पल, खेल-कूद, और स्कूल के समय की यादें।
3. कविता का क्या उद्देश्य है?
कविता का उद्देश्य बचपन की यादों को ताजा करना और इस समय की मासूमियत और खुशी को महत्व देना है। यह हमें यह एहसास कराती है कि जीवन की सच्ची खुशियाँ हमे सरल और नादान बचपन में मिलती हैं।
4. “बचपन” कविता को कैसे समझा जा सकता है?
इस कविता को समझने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने बचपन के दौर को याद करें और महसूस करें कि उस समय हम कितने खुश और निश्चिंत थे। यह कविता हमें उस समय की याद दिलाती है जब हम छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढते थे।