यह कविता पत्नी के त्याग, ममता और स्नेह के महत्व को उजागर करती है। वह जीवन का आधार है, जो हर मुश्किल में साथी बनती है और घर-परिवार को सुखद बनाती है। उसकी शक्ति, धैर्य और ममता से जीवन खुशहाल और साकार होता है।
कविता में पत्नी के बिना जीवन की अधूरी सूरत को संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया गया है।
पत्नी पर कविता
पत्नी है जीवन का आधार,
उससे चलता घर-परिवार।
त्याग, ममता, स्नेह अपार,
हर सुख-दुख में साथ तैयार।
सुबह की पहली किरण बनकर,
उजियारा भर दे जीवन में।
हर मुश्किल को हल्का कर दे,
अपने नाजुक से दामन में।
नारी का रूप, स्नेह की मूरत,
उसके बिना अधूरी हर सूरत।
धैर्य और शक्ति की पहचान,
पत्नी है जीवन का सम्मान।
घर को स्वर्ग सा बनाती है,
हर कोने में मुस्कान लाती है।
सपनों को जीने का हौसला,
पत्नी देती हर पल असरा।
जो समझे उसकी अहमियत,
वो पाता सुख-शांति का वरदान।
पत्नी है जीवन की रचना,
जिससे चलता खुशियों का जहान।
अर्थ
कविता में पत्नी को परिवार की धुरी और हर सुख-दुख की सहभागी के रूप में चित्रित किया गया है। वह सुबह की पहली किरण की तरह जीवन में रोशनी लाती है। उसकी ममता और स्नेह से घर में सुकून और आनंद का संचार होता है। पत्नी केवल एक भूमिका नहीं, बल्कि हर रिश्ते और सपने को जीवंत करने वाली शक्ति है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- कविता में पत्नी की कौन-कौन सी विशेषताओं को उभारा गया है?
- कविता में पत्नी के त्याग, ममता, धैर्य, शक्ति और जीवन के प्रति उसके सकारात्मक दृष्टिकोण को उभारा गया है।
- पत्नी की तुलना किससे की गई है?
- पत्नी की तुलना सुबह की पहली किरण और स्नेह की मूरत से की गई है।
- इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
- मुख्य संदेश यह है कि पत्नी परिवार और जीवन का आधार है, जिसकी भूमिका को समझना और सम्मान देना आवश्यक है।
- यह कविता किन परिस्थितियों में लिखी जा सकती है?
- यह कविता किसी विशेष अवसर, जैसे शादी की सालगिरह, महिला दिवस, या पत्नी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए लिखी जा सकती है।