विवाह पर कविता: बंधन प्रेम का: शादी का उत्सव
यह कविता शादी के पवित्र बंधन और उससे जुड़े उत्सव का वर्णन करती है। इसमें प्रेम, वचन, और दो आत्माओं के मिलन की महिमा का चित्रण है। विवाह केवल एक रस्म नहीं, बल्कि दो लोगों के जीवन का संगम है। फेरे, वचन, और शहनाई की धुन के बीच, यह कविता शादी के जश्न के उल्लास … Read more